The smart Trick of shiv chalisa lyricsl That No One is Discussing
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
कार्तिक shiv chalisa lyricsl श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
महाशिवरात्रि मनाने के आध्यात्मिक कारण
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
दोस्तों श्री शिव जी के लोकप्रिय भजन पर हमारी शोध एवं लेखन कार्य जारी है। अतिशीघ्र यहां पर आपको और भजन पढ़ने को मिलेगा। आपको श्री शिव जी का कौन सा भजन ज्यादा अच्छा लगता है, जरूर बताइएगा।